[कोविड योद्धा] किपलिंग और मोगली से प्रेरित सैमसंग के प्रकाश नासिक में 300 कोविड मरीजों के लिए किस तरह बने उम्मीद की किरण

27-05-2021
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पेश है सैमसंग कोरोना योद्धाओं की – सैमसंग के कर्मचारियों, साझेदारों और इंटर्न्स की – कहानियों की हमारी श्रृंखला में अगली कहानी। ये कहानियां देश भर में सबसे आगे रहकर काम कर रहे उन कर्मचारियों और कोरोना योद्धाओं को हमारी सलामी हैं, जो कहीं, किसी की मदद के लिए नि:स्वार्थ भाव से काम कर रहे हैं!

 

प्रकाश माणिक कनाडे जब नासिक में एक छोटे से क्लिनिक के बेड पर प्लाज्मा दान करने के लिए लेटे थे तो वह बाईं तरफ की दीवार से नजर नहीं हटा पाए, जहां रुडयार्ड किपलिंक की द जंगल बुक से एक दृश्य बना हुआ था। द जंगल बुक मध्य भारत में पेंच के जंगलों की कहानियों का शानदार संग्रह है। उस दृश्य में मोगली (टार्जन नहीं) चारों ओर बैठे अपने प्यारे दोस्त जानवरों से बात करता दिख रहा है।

 

बचपन में उन्हें जंगल बुक बहुत पसंद थी और उन्हें किताब की ये पंक्तियां याद आ गईं – झुंड की ताकत भेड़िया होता है और भेड़िये की ताकत झुंड।

 

प्रकाश नासिक में सैमसंग इंडिया के एरिया सेल्स मैनेजर हैं। मार्च के मध्य में उनका परिवार कोविड से उबरा ही था कि उनके एक परिचित ने उनसे पूछ लिया कि क्या वह एक जरूरतमंद मरीज को प्लाज्मा दे सकते हैं। वह और उनका परिवार हिचक रहा था मगर डॉक्टरों ने बातचीत में बता दिया कि उसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा तो वह प्लाज्मा दान करने क्लिनिक पहुंच गए।

 

वह कहते हैं, किताब की उन पंक्तियों ने मानो मुझसे कुछ कहा। मुझे लगा कि मुझे झुंड की मदद करनी ही होगी।

 

प्रकाश ने उसी वक्त फैसला कर लिया कि वह खुद तो प्लाज्मा दान करेंगे ही, आगे बढ़कर औरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।

 

जब वह लोगों की मदद कर रहे कई सोशल मीडिया और इंस्टेंट मैसेंजर ग्रुप में शामिल हुए तो उन्हें पता चला कि प्लाज्मा दान के बारे में कई भ्रांतियां फैली हुई हैं। तब उन्होंने और उनके दोस्तों ने एक स्थानीय रेडियो चैनल तथा ब्लड बैंकों के साथ हाथ मिलाकर इन भ्रांतियों को दूर करने का काम शुरू कर दिया। कुछ हफ्ते बीते हैं और अब विभिन्न इंस्टेंट मैसेंजर ग्रुप्स में 3,000 से अधिक लोग हैं, जो मदद करने को तैयार हैं।

 

पिछले डेढ़ महीने में प्रकाश और उनके दोस्तों ने 200 से अधिक लोगों से प्लाज्मा दान कराया है और 300 से अधिक जरूरतमंद मरीजों को प्लाज्मा उप्लब्ध कराने में मदद की है।

 

वह कहते हैं, मुझे रात दो बजे भी लोगों के फोन आते हैं, जो किसी ब्लड बैंक के बाहर खड़े होते हैं। बैंक में प्रोसेस किया गया प्लाज्मा लेने के लिए कोई प्लाज्मा डोनर साथ लाना पड़ता है। जरूरतमंद मरीज के तीमारदारों के लिए डोनर का इंतजाम करना हमेशा संभव नहीं होता। ब्लड बैंकों से गठजोड़ उसी समय काम आता है।

 

हम ब्लड बैंक या उसके मालिक को फोन करते और पहले भेजे गए डोनर से मिले प्लाज्मा के बदले उन्हें प्लाज्मा देने के लिए कहते। हम जल्द ही और डोनर भेजने का वायदा भी करते।

 

इससे काम बन गया। वह कहते हैं, मैं किस्मत वाला था कि मेरा परिवार सही सलामत उबर गया। मैं दूसरों की मदद करना चाहता था।

 

जब सैमसंग के एक कर्मचारी का हाल ही में नासिक पहुंचा मित्र संक्रमित हुआ तो प्रकाश उसकी मदद को पहुंच गए। कर्मचारी के दोस्त की हालत गंभीर हो गई थी। प्रकाश ने अपने नेटवर्क में खबर फैला दी और कर्मचारी के दोस्त के लिए आईसीयू बेड मिल गया।

 

प्रकाश ने कोविड संक्रमित परिवार के लिए भोजन पहुंचाया, पति के लिए प्लाज्मा का इंतजाम किया और पत्नी को दिन में कई बार फोन कर सुनिश्चित किया कि उनकी हिम्मत बंधी रहे।

 

वह कहते हैं, चिकित्सा सहायता अलग बात है मगर ऐसी स्थिति में कई लोगों को नैतिक सहारे की जरूरत होती है। मैं सुनिश्चित करना चाहता था कि वह और उनके बच्चे शहर में अकेला महसूस न करें।

 

अचरज की बात नहीं है कि नासिक में जब किसी को अस्पताल में बेड, दवा, ऑक्सीजन या प्लाज्मा की जरूरत पड़ती है तो सैमसंग की टीम और समाज के दूसरे लोग प्रकाश माणिक कनाडे से ही संपर्क करते हैं।

 

इस तरह की कहानियां सैमसंग में हमें प्रेरणा देती हैं। हम कहते हैं न… वह कर दिखाइए, जो आप कर नहीं सकते!

 

(कृपया ध्यान रखें: प्लाज्मा मान्यता प्राप्त चिकित्सक की सलाह पर ही देना चाहिए)

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