[रीडिस्कवर योरसेल्फ] मेरी मां अब स्मार्टफोन की मुरीद हैं, मैं चाहता हूं कि वो सैमसंग पे पर भी हाथ आजमएं : संजय राजदान
सैमसंग इंडिया के डिजिटल सर्विस टीम के प्रमुख और सीनियर डायरेक्टर संजय राजदान भारत में उपभोक्ताओं की जरूरत के लिहाज से सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए नए तरीके सोचने, उन्हें विकसित करने और उनकी मार्केटिंग करने में मदद करते हैं। उनका मुख्य काम गैलेक्सी स्मार्टफोन पर इन्नोवेटिव सॉल्यूशन के साथ ग्राहकों को संतुष्ट रखना और प्रसन्न करना है। लेकिन एक व्यक्ति जिसे अब तक प्रभावित करने में वह असफल रहे थे, वह थीं उनकी 70-वर्षीय मां, जो किसी भी तरह अपना पुराने फीचर वाला फोन छोड़ने को तैयार नहीं थीं।
”वह स्मार्टफोन को इस्तेमाल करने में सहजता महसूस नहीं करती थीं क्योंकि इसमें स्क्रीन को छू कर सारा काम करना होता है। और उन्हें यह समझ ही नहीं आता था कि बाकी का पूरा परिवार क्यों अक्सर अपने फोन डिवाइस के साथ चिपका रहता है,” संजय ने कहा। लेकिन पिछले कुछ दिनों में संजय की मां स्मार्टफोन की मुरीद हो गई हैं। वह संजय के भाई-बहनों के साथ वीडियो कॉल करती हैं, जो फिलहाल उनसे मिल नहीं पा रहे। वह जम्मू में अपनी बहन के साथ वीडियो कॉल कर रही हैं, जिनका बेटा सैन फ्रांसिस्को के तट पर खड़े ग्रांड प्रिंसेस क्रूज शिप (क्रू के सदस्य के तौर पर) पर फंसा है। वह ये भी देखती हैं कि किस तरह संजय उनके डॉक्टर की फीस से लेकर तमाम बिलों तक का भुगतान अपने स्मार्टफोन के जरिये करते हैं।
संजय ने कहा, “हम सभी अपने बुजुर्गों की मुश्किलें समझते हैं। लेकिन एक बार जब शुरुआती दिक्कतखत्म हो जाती है, तब उन्हें समझ आने लगता है कि स्मार्टफोन कितने मददगार हो सकते हैं। लॉकडाउन के दौरान हममें से ज्यादातर ने यही महसूस किया है।”
संजय अब चाहते हैं कि लोग अपने स्मार्टफोन की सर्विसेज का और सार्थक रूप से इस्तेमाल करें। जैस-जैसे लोगडिजिटल दुनिया में गहरे उतरते जाते हैं, वैसे-वैसे उन्हें ज्यादा भरोसेमंद और सुरक्षित उपकरणों की आवश्यकता होती है। सैमसंग के फोन की तरह, जो रक्षा-श्रेणी के नॉक्स (KNOX) सुरक्षा परत से संरक्षित हैं।
स्मार्टफोन की उपयोगिता सफाई और आरोग्य के लिहाज से भी बढ़ने वाली है क्योंकि जितना कम छूने की जरूरत हो, उतना बेहतर। उदाहरण के लिए, उपभोक्ता कार्ड मशीनों पर बिना छुए सैमसंग पे के माध्यम से भुगतान कर सकेंगे (बजाय अपना क्रेडिट या डेबिट कार्ड दुकानदार को सौंपने के। गैलेक्सी का इस्तेमाल करने वाले अपने निजी डिवाइस पर एक उंगली से स्वाइप कर वॉलेट और यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने के लिए भी सैमसंग पे का प्रयोग कर सकते हैं।
सैमसंग में काम के अपने प्रारंभिक साल कोरिया के बाहर सैमसंग के सबसे बड़े अनुसंधान केंद्र एसआरआई-बेंगलुरु में गुजार चुके संजय गुरुग्राम के टू हॉरिजन सेंटर मुख्यालय में आने से पहले सैमसंग पे की लॉन्चिंग और उसके स्थानीयकरण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके थे। सैमसंग पे भारत में एकमात्र ऐसी संपर्क रहित फोन भुगतान सेवा है, जिसे मैगनेटिक सिक्योर ट्रांसमिशन (एमएसटी) और नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी), दोनों तरह की तकनीक पर आधारित कार्ड मशीनों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
सैमसंग पे भारत में लॉन्च पहला स्मार्टफोन आधारित यूपीआई भुगतान ऐप्लिकेशन भी है। इसमें कई डिजिटल वॉलेट भी जोड़े गये हैं और हाल ही में इसमें नेशनल टोल भुगतान ऐप फास्टैग भी जुड़ गया है, जिससे यह सभी ग्राहकों के लिए एक ‘सुपर पेमेंट ऐप’ बन चुका है।
टीम ने हाल ही में इस ऐप के जरिए सैमसंग पे के माध्यम से पीएम केयर्स फंड में सीधे भुगतान की सुविधा भी शुरू कर दी है।
संजय ने ब्योरेवार बताया, “यदि आप अपना बटुआ या नकदी घर पर ही भूल गये हों, तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। यदि आपके पास सैमसंग पे की सुविधा देने वाला फोन मौजूद है, तो आप क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान कर सकते हैं और यहां तक कि अपने स्मार्टफोन के माध्यम से यूपीआई या वॉलेट भुगतान भी कर सकते हैं, बिना किसी अन्य वस्तु को छुए।”
“और अब जबकि मेरी मां स्मार्टफोन को आसानी से इस्तेमाल करने लगी है, मेरी दिली ख्वाहिश है कि किसी दिन वह सैमसंग पे को भी अनुभव करे। लोग जब किसी कार्ड मशीन पर सिर्फ अपने फोन को टैप कर भुगतान होते हुए देखते हैं, तो उनके चेहरे पर जिस तरह के आश्चर्य का भाव होता है, उसे देखना सचमुच एक मजेदार अनुभव है। लगता है, जैसे कोई जादू हो गया हो।”
भारत में कार्यरत डिटिजल सर्विसेज टीम, जिसकी संजय अगुवाई करते हैं, की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि गैलेक्सी स्टोर को स्थानीय जरूरतों के लिहाज से ढालना है, जिसके तहत इसमें महत्वपूर्ण स्थानीय कंटेंट, गेम और थीम लोड किए जाते हैं। ‘मेक फॉर इंडिया’ गैलेक्सी स्टोर अब 14 स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे स्थानीय ऐप और कंटेंट डेवलपर्स को बेहतर डिस्कवरी और पहुंच हासिल हो पा रही है।
इस टीम ने ‘माई गैलेक्सी’ ऐप को भारतीय उपभोक्ताओं के लिए विशेष तौर पर तैयार कंटेंट, जैसे वीडियो, म्यूजिक और गेम के लिए एक खास प्लेटफार्म के रूप में भी पुनर्स्थापित किया है। उन्होंने हाल ही में एक के-पॉप सेक्शन भी जोड़ा है, जो इक्कीसवीं सदी में पैदा हुई पीढ़ियों (मिलेनियल्स) में पहले ही हिट हो चुका है। ऐसे समय में जब भारत में बड़ी संख्या में लोग घरों से ही ऑफिस का काम कर रहे हैं, तब ‘माई गैलेक्सी’ कंटेंट के इस्तेमाल में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
घर से ही ऑफिस का काम किए जाने के बारे में उनकी क्या राय है? संजय बताते हैं कि अब उनके पास एक और अतिरिक्त जिम्मेदारी है! घर पर उन्हें यह तय करना पड़ रहा है कि उनके परिवार के लोग डेटा का इस्तेमाल कब और कैसे करेंगे। अपने चेहरे पर हमेशा बनी रहने वाली हंसी के साथ उन्होंने कहा,“यह मजेदार भी है और चुनौतीपूर्ण भी। मेरी एक के बाद एक लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होती है, मेरी पत्नी घर से ऑफिस का काम करती हैं और बच्चों को ऑनलाइन क्लास करनी होती है। एक सामान्य कामकाजी दिन की शुरुआत यह हिसाब-किताब करने के साथ होती है कि कैसे सबको वाई-फाई सही तरीके से हासिल हो सके। मुझे यह सुनिश्चित करना पड़ता है कि ऑफिस के समय में कोई मनोरंजन के लिए डेटा इस्तेमाल न करे, भले ही इसके लिए मुझे की बार वाई-फाई का पासवर्ड भी बदलना पड़े।
तीन मंत्र
•अलग सोच रखें
•पढ़ते रहें
•स्वस्थ रहें
कॉरपोरेट > लोग एवं कल्चर
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