सैमसंग आरएंडडी इंस्टीट्यूट- बैंगलोर को तीसरी बार मिला जिन्नोव ‘ग्रेट प्लेस टू इन्नोवेट’ अवॉर्ड

07-08-2020
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सैमसंग आरएंडडी इंस्टीट्यूट बैंगलोर (एसआरआई-बी) को ‘ग्रेट प्लेस टू इन्नोवेट’ कैटेगरी में तीसरी बार प्रतिष्ठित जिन्नोव पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया है। यह पुस्कार टेक्नोलॉजी की दुनिया में चमकते उन भारतीय आरएंडडी केंद्रों को उनकी प्रतिभा की पहचान और सम्मान के तौर पर दिया जाता है, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर अपने आविष्कारों की धाक जमाई हो।

 

इस पुरस्कार ने कई फोकस एरिया में उत्कृष्टता हासिल करने और उभरती हुई टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ‘इन्नोवेशन हब’ के तौर पर स्वयं को स्थापित करने के लिए किए गये एसआरआई-बी के योगदान को स्वीकार किया है। पेटेंट तैयार करने पर विशेष जोर के साथ एसआरआई-बी की इन-हाउस इन्नोवेशन संस्कृति ने केंद्र के आरएंडडी इंजीनियरों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईओटी, विजन एंड कैमरा और 5जी के इर्द-गिर्द एक प्रभावशाली समाधान विकसित करने योग्य बनाया है। विश्वविद्यालयों के साथ गठजोड़ और स्टार्ट-अप के साथ मिलकर काम करने के कारण एसआरबी-बी ने बाहर और केंद्र के भीतर होने वाले इन्नोवेशन को एक साथ जोड़ने में सफलता प्राप्त की है।

 

सैमसंग आरएंड इंस्टीट्यूट, बैंगलोर के सीटीओ डॉ. आलोकनाथ डे ने कहा, हमारा इन्नोवेशन टेक्नोलॉजी में गहराई तक धंसा हुआ है। हम अपनी दैनिक गतिविधियों में भी इसे बढ़ावा देते हैं, जहां इस संस्थान के सबसे मजबूत स्तंभों, यानी इन्नोवेटर्स को अनुसंधान से बाजार तक की सोच तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। हमारी मेक इन इंडिया की कोशिशें एआई, आईओटी, 5जी और मल्टीमीडिया के साथ मिलकर भारतीय और अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं के लिए सुविधाएं और समाधान विकसित करने पर केंद्रित हैं।” 

 

इस साल जिन्नोव पुरस्कारों के लिए आठ विभिन्न श्रेणियों में 150 से अधिक कंपनियों की ओर से 350 से ज्यादा नामांकन हासिल हुए थे, जिनमें से 45 प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों ने 28 विजेताओं का चयन किया।

 

एसआरआई-बी ने 2015 और 2017 में ‘ग्रेट प्लेस टू इन्नोवेट’ श्रेणी में जिन्नोव पुरस्कार हासिल किया था। इस साल विजेताओं के चयन के लिए जो जूरी तैयार की गई थी, उसमें भारत के विभिन्न आरएंडडी केंद्रों, सीटीओ, उद्योग जगत में प्रभाव रखने वालों और पूर्व पुरस्कार विजेताओं को शामिल किया गया था। एसआरआई-बी ने 2015 में ‘डिजाइन थिंकिंग’ और 2016 में ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के लिए जिन्नोव पुरस्कार और पिछले वर्ष जिन्नोव ‘ओपन इन्नोवेटर्स अवॉर्ड’ भी जीता था।

 

 

एसआरआई-बी कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल, मल्टीमीडिया (कैमरा सॉल्यूशंस सहित), इंटेलिजेंस, भुगतान, वेब सेवाएं, मेमोरी, नेटवर्क और आईओटी से जुड़ी टेक्नोलॉजी पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करता है। इस आरएंडडी केंद्र का मुख्य फोकस भारतीय बाजारों के लिहाज से खास तत्वों की पहचान कर उनके आधार पर वैश्विक उत्पादों में उचित बदलाव करना और स्थानीय उपभोक्ताओं को उनके द्वारा चुकाई गई कीमत के लिहाज से भरपूर वैल्यू देना है। एसआरआई-बी की कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, स्वाभाविक भाषा प्रसंस्करण, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), विस्तारित वास्तविकता (ऑगमेंटेंड रियलिटी) और 5जी सहित नेटवर्क से जुड़ी टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता है। इसने भारत में अब तक 2,900 से ज्यादा पेटेंट आवेदन भी किए हैं।

 

सैमसंग की ‘मेक फॉर इंडिया’ पहल के एक हिस्से के तौर पर एसआरआई-बी ने उपभोक्ताओं से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर भारत-केंद्रित कई आविष्कारों पर काम किया है।

 

पिछले कुछ सालों में यह केंद्र इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बैंगेलोर (आईआईएससी), इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी बैंगलोर (आईआईआईटी-बी), आईआईटी-खड़गपुर और आईआईटी-कानपुर जैसे कई विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता और इसके विभिन्न प्रयोगों से लेकर मल्टीमीडिया और विजन टेक, आईओटी, सेंसर और नेटवर्क जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान साझेदारी के लिए जुड़ा है।

 

इसने हाल ही में सैमसंग प्रिज्म (प्रिपेयरिंग एंड इंस्पायरिंग स्टुडेंट माइंड्स) नाम से एक विशिष्ट उद्योग-शैक्षणिक कार्यक्रम भी शुरू किया है, जिसका उद्देश्य भारतीय इन्नोवेशन पारिस्थितक तंत्र को प्रेरित कर छात्रों में ऐसी क्षमता विकसित करना है ताकि वे उद्योग जगत की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें।

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