सैमसंग इंजीनियर ने बहन और पड़ोसी की मदद से बेंगलुरु के अस्पताल में जीते दिल

23-04-2020
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लॉकडाउन के बीच इन तीनों ने मिलकर एक गेमिंग कंसोल और लैपटॉप के पुर्जों से ठीक किया एक एक्स-रे मशीन

एक वैश्विक महामारी के खिलाफ छिड़े युद्ध में हमारी जिंदगियां बचाने के लिए अपना जीवन दांव पर लगाने वाले लाखों स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति आज पूरी दुनिया अहसानमंद है। सैमसंग इन सभी कर्मियों का अभिनंदन करता है, जो अग्रिम मोर्चों पर दिन-रात बिना थके काम कर रहे हैं।

 

बाकी लोग, जिनमें हम भी शामिल हैं, सामाजिक दूरी के सिद्धांत को मानते हुए अपने-अपने घरों में रह कर अपना दायित्व निभा रहे हैं। लेकिन कई ऐसे भी लोग हैं, जो अपने घरों से बाहर निकल कर अपनी सामान्य जिम्मेदारियों के परे जाकर भी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि संवेदनशील जगहों पर मशीनें अपना काम करती रहें, और हर कोई सुरक्षित रहे। बेंगलुरु के अभिषेक शंकर नादगीर ऐसे ही लोगों में से एक हैं।

 

अभिषेक सैमसंग इंडिया के हेल्थ एंड मेडिकल इक्विपमेंट (एचएमई) विभाग में एक ग्राहक सेवा इंजीनियर हैं। लॉकडाउन शुरू होने के कुछ ही दिनों बाद अभिषेक को बेंगलुरु के एक जाने-माने निजी अस्पताल से एक सैमसंग डिजिटल एक्स-रे मशीन के बारे में एक अत्यावश्यक कॉल आई। यह अस्पताल एक कोविड केंद्र है। उनके ठिकाने से अस्पताल ज्यादा दूर नहीं था, इसलिए मामले की गंभीरता को समझते हुए अभिषेक तुरंत अपनी कार से निकल पड़े। लेकिन क्योंकि उनके पास लॉकडाउन में बाहर निकलने के लिए आवश्यक पास नहीं था, तो स्थानीय पुलिस ने उन्हें रोक लिया।

 

अभिषेक शंकर नादगीर, एचएमई विभाग, सैमसंग इंडिया

 

तब अस्पताल ने उन्हें लाने के लिए एक एम्बुलेंस का इंतजाम किया। साथ ही एक अधिकार पत्र भी दिया, जिसमें उनकी यात्रा के कारणों का जिक्र था। अस्पताल पहुंचने पर अभिषेक ने मशीन की जांच की और पाया कि उसके दो हार्ड ड्राइव- सैटा हार्ड ड्राइव और एसएसडी – में कुछ समस्या थी।

 

मुश्किल यह थी कि सभी रिप्लेसमेंट पुर्जे अलग-अलग जगहों पर स्थित वेयरहाउस में रखे होते हैं और बंदी के कारण बेंगलुरु में उन्हें हासिल कर पाना कठिन था। इसलिए अभिषेक ने अस्पताल से इंतजार करने को कहा और समस्या का कोई वैकल्पिक समाधान ढूंढने में लग गए। अस्पताल ने उन्हें कहा कि वह ज्यादा देर तक इंतजार करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि आईसीयू में भर्ती अत्यंत नाजुक हालत वाले मरीजों और कोविड-19 मरीजों के निदान के लिए उस मशीन की आवश्यकता है।

 

अभिषेक ने सैमसंग न्यूजरूम भारत को बताया, “मुझे तुरंत कुछ करना था। यह कोई आम दिनों वाली सामान्य कॉल नहीं थी। यहां जिंदगियां दांव पर लगी थीं।” उन्होंने तुरंत सोच-विचार कर अपने पास-पड़ोस और परिवार तथा मित्रों से पूछताछ शुरू की।

 

अभिषेक अपनी बहन श्वेता के साथ, जिन्हें मदद के बारे में फैसला करने में क्षण भर से ज्यादा देर नहीं लगी

 

उनकी बहन को घर पर एक पुराना लैपटॉप मिला और उन्हें उसका हार्ड ड्राइव निकालने में कोई आपत्ति नहीं हुई। अभिषेक की बहन श्वेता सोनटक्के ने कहा, “मुझे सोचने में बिलकुल समय नहीं लगा। इस संकट ने हमें कई बातें सिखाई हैं। उनमें से एक यही है कि यदि आप जरूरत में किसी की मदद कर सकते हैं, खास तौर पर किसी अच्छे उद्देश्य में, तो आपको झिझकना नहीं चाहिए।”

 

हालांकि इससे भी बड़ी चुनौती एसएसडी ड्राइव की तलाश थी। यह मदद ललित शर्मा की ओर से आई, जो अभिषेक के आवासीय परिसर में ही रहते हैं। ललित एक आईटी प्रोफेशनल हैं और एक उत्साही गेमर भी। वैसे तो गेमिंग उनके लिए हफ्ते के आखिर में मिलने वाली छुट्टियों का ही चस्का हुआ करता था, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से, जब से वह घर से ही ऑफिस का काम कर रहे हैं, यह उनकी दिनचर्या में शामिल हो गया था। उनके गेमिंग कंसोल में एसएसडी लगा था, जिसे उन्होंने बिना कोई विचार किए निकाल कर अभिषेक को सौंप दिया। ललित ने सैमसंग न्यूजरूम भारत को बताया, “यह करना ही था। मैं किसी ऐसे अच्छे उद्देश्य के लिए अपनी गेमिंग छोड़ सकता हूं, जिससे लोगों की जिंदगियां बच सकती है।”

 

पहले से तैयार खड़ी एम्बुलेंस से अभिषेक दोनों हार्ड ड्राइव लेकर अस्पताल पहुंचे और एक्स-रे मशीन को ठीक कर दिया। यह अस्पताल के अधिकारियों के लिए बहुत राहत और खुशी का पल था। अब मशीन बिलकुल ठीक काम कर रही है और नाजुक मरीजों के इलाज में इसका इस्तेमाल हो रहा है। अस्पताल के अधिकारियों ने सैमसंग के कर्मचारियों, खास तौर पर अभिषेक को ऐसे मुश्किल वक्त में दृढ़ता और तत्परता दिखाने के लिए धन्यवाद दिया और ऐसी संवेदनशीलता दिखाने के लिए श्वेता और ललित की प्रशंसा की, जिनकी मदद के बिना यह संभव नहीं हो पाता।

 

यह कोई सामान्य दिनों की कॉल नहीं थी, यहां जिंदगियां दांव पर थीः अभिषेक

 

सैमसंग का एचएमई विभाग भारतीय हेल्थकेयर उद्योग को डिजिटल एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड मशीनें उपलब्ध कराता है। ये मशीनें देश भर के कई अग्रणी निजी अस्पतालों और डायग्लोस्टिक श्रृंखलाओं में पहले से ही इस्तेमाल किया जा रहा है।

 

पिछले कुछ हफ्तों में नागरिकता प्रोग्राम ‘सैमसंग स्मार्ट हेल्थकेयर’ के तहत सैमसंग इंडिया ने सरकारी अस्पतालों में डिजिटल एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड मशीनें की आपूर्ति को तेज कर दिया है। सबसे हालिया आपूर्ति नोएडा, राजकोट और पुणे के उन अस्पतालों को की गई है, जो कोविड-19 के इलाज के लिए विशेष तौर पर नामित किए गये हैं।

 

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