सैमसंग इंडिया ने ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो सीज़न 4’ की 100 टीमों की पहली शॉर्टलिस्ट जारी की

भारत की सबसे बड़ी कंज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड, सैमसंग ने अपने प्रमुख सीएसआर कार्यक्रम ‘सॉल्व फॉर टुमारो’ के तहत 100 टीमों की शॉर्टलिस्ट की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य देश में एक नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करना है। इस शॉर्टलिस्ट में चार थीम्स में से प्रत्येक से 25 टीमों को शामिल किया गया है, जो अब राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा और नवाचार प्रतियोगिता में अगले दौर में प्रतिस्पर्धा करेंगी।
इस वर्ष प्रतिभागियों को चार प्रमुख विषयों पर समाधान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया
AI फॉर ए सेफ़र, स्मार्टर और इनक्लूसिव भारत
भारत में स्वास्थ्य, स्वच्छता और कल्याण का भविष्य
खेल और तकनीक के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन व शिक्षा और बेहतर भविष्य के लिए टेक्नोलॉजी
प्रौद्योगिकी के माध्यम से पर्यावरणीय स्थिरता
इस बार, सॉल्व फॉर टुमारो की शॉर्टलिस्ट बेहद लोकल स्तर तक पहुंची है, जहां इस कार्यक्रम ने भारत के कुछ सबसे दूरस्थ जिलों—जैसे बिहार के समस्तीपुर, आंध्र प्रदेश के गुंटूर, जम्मू-कश्मीर के बारामूला और असम के कछार—से युवा नवोन्मेषकों की खोज की है। इस कार्यक्रम की पहुंच और प्रभाव केवल क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्रस्तुत किए गए विचारों की मौलिकता में भी झलकती है।
‘भारत में स्वास्थ्य, स्वच्छता और कल्याण का भविष्य’ थीम के तहत प्रतिभागियों ने ऐसे असामान्य लेकिन जमीनी समाधान प्रस्तुत किए हैं, जो भारत की बदलती स्वास्थ्य प्राथमिकताओं को दर्शाते हैं। मानसिक स्वास्थ्य सुधारने, फेफड़ों के कैंसर का शीघ्र निदान करने और श्रवण बाधित लोगों को रियल टाइम संवाद में सहयोग देने जैसे नवाचार सामने आए हैं।
एक समाधान आपातकालीन स्थितियों में एम्बुलेंस ट्रैकिंग को तेज़ बनाने पर केंद्रित था, जबकि दूसरे ने निकटतम अस्पताल को तुरंत खोजने में मदद करने वाली एकीकृत प्रणाली का प्रस्ताव रखा। ये विचार यह दिखाते हैं कि युवा स्वास्थ्य को समग्र और समावेशी रूप में देख रहे हैं।
‘AI फॉर ए सेफ़र, स्मार्टर और इनक्लूसिव भारत’ थीम के तहत प्रस्तुत किए गए विचारों ने यह दिखाया कि AI रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कितना कुछ बदल सकता है। युवा नवोन्मेषकों ने नागरिक सुरक्षा, दूरदराज के गांवों में स्वच्छ बिजली की पहुंच, और आवारा पशुओं की आपात स्थिति में मदद करने वाली AI-आधारित प्रणाली जैसे समाधान प्रस्तावित किए। एक अनूठा विचार इंजीनियरों और छात्रों के लिए डेटा स्क्रैपिंग को आसान बनाकर तकनीकी शोध को अधिक सुलभ बनाने पर आधारित था। ये विचार न केवल सामाजिक आवश्यकताओं की गहरी समझ दर्शाते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि तकनीक से कैसे सेतु बनाया जा सकता है।
‘खेल और तकनीक के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन व शिक्षा और बेहतर भविष्य’ थीम ने समावेशन, सीखने और डिजिटल पहुंच के संगम पर कल्पनाशील हस्तक्षेपों को जन्म दिया। शॉर्टलिस्ट किए गए विचारों में ऑटिज़्म से पीड़ित बच्चों के लिए खेल आधारित विकास कार्यक्रम, वैयक्तिकृत कोचिंग देने वाले मोबाइल ऐप्स, और वंचित छात्रों के लिए गेमीफाइड लर्निंग प्लेटफॉर्म शामिल हैं। एक समूह ने भारत भर के गेमर्स को जोड़ने वाला एक विशेष सोशल नेटवर्क प्रस्तावित किया—जो सहयोग, रचनात्मकता और समुदाय निर्माण को प्रोत्साहित करता है।
‘प्रौद्योगिकी के माध्यम से पर्यावरणीय स्थिरता’ थीम में पर्यावरण चेतना को केंद्र में रखा गया। वनों की कटाई रोकने, जैव विविधता के संरक्षण, और स्वच्छ जल की कमी को संबोधित करने से लेकर शहरी रेस्तराओं में खाद्य अपव्यय प्रबंधन, ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग और स्मार्ट वायु प्रदूषण नियंत्रण जैसे समाधान प्रस्तुत किए गए। ये परियोजनाएं यह दर्शाती हैं कि देश के युवा पर्यावरण की रक्षा करने और उसे भविष्य के लिए तैयार करने को लेकर कितने प्रतिबद्ध हैं।
20,000 से अधिक आवेदनों में से, 100 टीमों का चयन किया गया है जिनमें 168 प्रतिभागी अगले चरण के लिए तैयार होंगे। इस चरण में उन्हें प्रभावशाली प्रेजेंटेशन और संवाद कौशल के लिए विशेषज्ञों से ट्रेनिंग और मेंटरशिप दी जाएगी, ताकि वे जुलाई के मध्य में शुरू होने वाले रीजनल राउंड के लिए तैयार हो सकें।
आगे क्या होगा
इस चरण में प्रतिभागियों को थीम-विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी, इसके बाद वीडियो पिच राउंड होगा, जिसमें से 40 टीमों (प्रत्येक थीम से 10) का चयन किया जाएगा।
इनमें से प्रत्येक थीम की शीर्ष 10 सेमीफाइनलिस्ट टीमों को सैमसंग के इंडस्ट्री विशेषज्ञों और विषय विशेषज्ञों से गहन मार्गदर्शन प्राप्त होगा। उन्हें सैमसंग की अत्याधुनिक सुविधाओं—जैसे सैमसंग R&D संस्थान बेंगलुरु, नोएडा और दिल्ली, और सैमसंग डिज़ाइन दिल्ली—के भ्रमण का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें विश्व स्तरीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का अनुभव मिलेगा।
यह चरण दिल्ली की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं में एक अनुभवात्मक प्रोटोटाइपिंग कार्यक्रम के साथ समाप्त होगा, जिसमें ‘Solve for Tomorrow’ के पूर्व प्रतिभागी भी सहयोग करेंगे। साथ ही, एक रेजिडेंशियल बूटकैंप आयोजित किया जाएगा, जिसमें विचारों को परिष्कृत कर फाइनल पिच की तैयारी करवाई जाएगी। इस चरण के बाद शीर्ष 20 टीमों का चयन किया जाएगा—हर थीम से पांच—जो ग्रैंड फिनाले में जाएंगी।
इन पांच शीर्ष टीमों को सैमसंग विशेषज्ञों से वन-ऑन-वन मेंटरिंग मिलेगी। ये टीमें प्रोटोटाइप डे, पिच प्रेजेंटेशन, इन्वेस्टर मीट और अवॉर्ड सेरेमनी में भाग लेंगी, जो प्रतियोगिता के अंतिम तीन दिनों में आयोजित होंगे।
प्रतिभागियों के लिए क्या है
टॉप 100 टीमों को उपलब्धि प्रमाणपत्र दिए जाएंगे।
टॉप 40 टीमों को ₹8 लाख और सैमसंग के नवीनतम लैपटॉप दिए जाएंगे।
टॉप 20 टीमों को ₹20 लाख और सभी सदस्यों को सैमसंग Z Flip स्मार्टफोन मिलेंगे।
इसके अतिरिक्त, विशेष पुरस्कारों में गुडविल अवॉर्ड, यंग इनोवेटर अवॉर्ड, और सोशल मीडिया चैंपियन शामिल हैं, जिनके लिए कुल ₹4.5 लाख की राशि निर्धारित की गई है।
चार विजेता टीमों को मिलाकर कुल ₹1 करोड़ की ग्रांट IIT दिल्ली में इनक्यूबेशन के लिए दी जाएगी, ताकि उनके नवाचारों को साकार किया जा सके।
‘Solve for Tomorrow’ की शुरुआत 2010 में अमेरिका में हुई थी और यह अब 68 देशों में संचालित हो रहा है, जिसमें अब तक 30 लाख से अधिक युवाओं ने भाग लिया है।
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की वैश्विक सीएसआर दृष्टि – ‘Together for Tomorrow! Enabling People’ – का उद्देश्य दुनिया भर के युवाओं को शिक्षा प्रदान कर उन्हें भविष्य के नेता के रूप में सशक्त बनाना है। सैमसंग की सीएसआर पहलों के बारे में अधिक जानने के लिए विज़िट करें:
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