सैमसंग ने और ज्यादा मोबाइल एप्लिकेशन के लिए पेश किए 0.7 μm पिक्सेल वाले उन्नत आइसोसेल इमेज सेंसर

16-09-2020
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उन्नत सेमीकंडक्टर तकनीक के मामले में दुनिया भर में अग्रणी सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने आज अपने 0.7 माइक्रोमीटर (μm) -पिक्सेल उत्पादों के लिए चार नए सैमसंग आइसोसेल इमेज सेंसर – 108-मेगापिक्सेल (Mp) आइसोसेल HM2, 64Mp आइसोसेल GW3, 48Mp आइसोसेल GM5 और 32Mp आइसोसेल JD1 पेश किए। नई 0.7μm आइसोसेल तकनीक के साथ अल्ट्रा-हाई-रिजॉल्यूशन तकनीक को मुख्यधारा के स्मार्टफोन में लाने की सैमसंग की योजना है।

 

सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स में सेंसर कारोबार के कार्यकारी वाइस प्रेसिडेंट योनजिन पार्क ने कहा, “छोटे से छोटे आकार में अधिक पिक्सेल देने के लिए आइसोसेल प्लस और स्मार्ट आईएसओ जैसी ईजाद करने में सैमसंग हमेशा से सबसे आगे रही है। पिछले साल सैमसंग ने उद्योग का पहला 0.7μm-पिक्सेल इमेज सेंसर और पहला 108Mp सेंसर पेश किया था। अब हम मोबाइल कैमरों में विभिन्न विकल्पों के साथ और उन्नत पिक्सेल तकनीकें ला रहे हैं, जिनसे आगे आने वाले मोबाइल डिवाइस में हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीरें मिलेंगी और डिजाइन पहले से ज्यादा स्लीक होगा।”

 

अल्ट्रा-हाई-रिजॉल्यूशन इमेज सेंसर में एक पिक्सेल में केवल 0.1μm का अंतर होने से भी सेंसर के पूरे आकार तथा कैमरा मॉड्यूल की कुल ऊंचाई पर अच्छा खास फर्क पड़ जाता है। 0.7μm पिक्सेल होने से सैमसंग के नए-नवेले इमेज सेंसर उसी रिजॉल्यूशन वाले 0.8μm सेंसर से 15 प्रतिशत तक छोटे होंगे और कैमरा मॉड्यूल की ऊंचाई 10 प्रतिशत तक कम हो जाएगी। इनका आकार छोटा होने से स्मार्टफोन विनिर्माताओं को अधिक आजादी मिल जाएगी। मसलन भविष्य के डिवाइस विकसित करतेत समय वे और भी फीचर जोड़ पाएंगे या डिजाइन को अधिक सुगम बना सकेंगे।

 

पर्याप्त मात्रा में रोशनी इकट्ठी करने और नन्हे पिक्सेल आकार होने के बाद भी क्षमता को और बढ़ाने के मकसद से सैमसंग ने 0.7μm के लिए खास तौर पर तैयार अपनी उन्नत आइसोसेल प्लस और स्मार्ट-आईएसओ तकनीकों का प्रयोग किया है। आइसोसेल प्लस इकट्ठी की गई रोशनी को पिक्सेल के चारों ओर दीवार जैसे ढांचे की मदद से रोके रखती है और स्मार्ट-आईएसओ चतुराई के साथ आईएसओ को मनचाहे एक्सपोजर के हिसाब से ढाल लेता है।

 

सैमसंग इसी साल पेश किए जाने वाले नए-नवेले 0.7μm उत्पादों में और भी बेहतर पिक्सेल तकनीक आइसोसेल 2.0 देने लगेगी, जिससे पिक्सेल आकार कम होने की चुनौतियों के बाद भी शानदार प्रदर्शन मिलेगा। नई तकनीक सेल्स के बीच दीवार जैसे ढांचे को और भी बेहतर बनाएगी, जिससे रोशनी के प्रति संवेदनशीलता मौजूदा आइसोसेल प्लस तकनीक के मुकाबले 12 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।

 

नया 0.7 μm लाइनअप;

  • आइसोसेल HM2 सैमसंग के जखीरे में HMX और HM1 के बाद तीसरा 108Mp इमेज सेंसर है। नया 108Mp सेंसर 0.8μm पर आधारित पिछले सेंसर के मुकाबले लगभग 15 प्रतिशत छोटा है और इससे कैमरा मॉड्यूल की ऊंचाई 10 प्रतिशत तक घट गई है। HM2 में सुपर PD, अधिक तेज और चेहरा ढूंढने में ज्यादा प्रभावी ऑटो फोकस सॉल्यूशन है, जो HM12 की ही तरह नौ-पिक्सेल बिनिंग तकनीक तथा 3 गुना लॉसलेस जूम के साथ आता है।

 

  • आइसोसेल GW3 मुख्यधारा के डिवाइस के लिए विकसित किया गया 64Mp सेंसर है। पिक्सेल आकार छोटा होने के कारण GW3 का ऑप्टिकल साइज सैमसंग के 0.8μm 48Mp इमेज सेंसर के लगभग बराबर है। सेंसर को अधिक से अधिक वास्तविक रंगों के साथ चमकीली तस्वीरें लेने में मदद करने वाली टेट्रोसेल और स्मार्ट-आईएसओ तकनीकों के साथ-साथ GW3 भागदौड़ भरी जीवनशैली के लिए आदर्श है क्योंकि इसमें अधिक शार्प स्टिल तस्वीरों एवं सधे हुए वीडियो के लिए गायरो आधारित इलेक्ट्रॉनिक इमेज स्टेबिलाइजेशन (EIS) की सुविधा है। इमेज सेंसर 60 फ्रेम्स प्रति सेकंड (fps) पर 4K रिजॉल्यूशन तक की वीडियो रिकॉर्डिंग में मदद करता है।

 

  • आइसोसेल GM5 विविधता भरा 48Mp इमेज सेंसर है, जो टेलिस्कोप या अल्ट्रा-वाइड एंगल कैमरा में इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया है। फोल्डेड-जूम के लिए 5 गुना ऑप्टिकल टेलिस्कोपिंग सेंसर के रूप में इस्तेमाल होने पर जीएम5 नन्हे 0.7μm पिक्सेल साइज का पूरा फायदा उठाता है और कैमरे का उभार कम से कम हो जाता है। अल्ट्रा-वाइड-शॉट्स में GM5 480 fps पर हाई-स्पीड फुल-एचडी रिकॉर्डिंग देता है। सेंसर में स्टैगर्ड-एचडीआर फीचर भी है, जो अधिक तेज और पावर का बेहतर इस्तेमाल करने वाली एचडीआर तकनीक है। यह तकनीक पिक्सेल की प्रत्येक कतार के लॉन्ग, मीडियम और शॉर्ट एक्सपोजर का ब्योरा मोबाइल प्रोसेसर को भेजकर तस्वीर की प्रोसेसिंग में तेजी लाती है। चूंकि यह ब्योरा अलग-अलग 0.7μm पिक्सेल स्तर के बजाय टेट्रोसल के 1.4μm टू-बाई-टू पिक्सेल के जरिये पढ़ा जाता है, इसलिए स्टैगर्ड-एचडीआर से अधिक चमकीली और स्पष्ट तस्वीरें मिलती हैं, जिनमें धुंधलापन आदि नहीं होता।

 

  • आइसोसेल JD1 1/3.14-इंच वाला उद्योग का सबसे छोटा 32Mp इमेज सेंसर है और इसका आकार इसे बेजल रहित डिस्प्ले वाले उन स्मार्टफोन के एकदम माफिक बना देता है, जिनमें फ्रंट-फेसिंग कैमरा के लिए होल-इन-एक्टिव-एरिया अथवा मोटराइज्ड पॉप-अप प्रणाली होती है। बारीक ब्योरे वाली तस्वीर खींचने के लिए 32 मिलियन पिक्सेल होने के बाद भी कैमरा डिस्प्ले के भीतर आसानी से फिट हो जाता है क्योंकि सेंसर के कैमरा मॉड्यूल की ऊंचाई 0.9μm 20Mp या 1.0μm 16Mp सेंसरों के बराबर है। जीएम5 की ही तरह JD1 भी स्टैगर्ड-एचडीआर की सुविधा देने वाले पहले आइसोसेल इमेज सेंसरों में शुमार है।

 

सैमसंग आइसोसेल HM2, GW3 और JD1 का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा है और कंपनी GM5 की सैंपलिंग कर रही है।

 

*सैमसंग ने फिजिकल बैरियर लगाकर पिक्सेल के बीच कलर क्रॉसटॉक कम करने, छोटे आकार वाले पिक्सेल को अधिक से अधिक वास्तविक रंग देने वाली आईसोसेल तकनीक की घोषणा सबसे पहले 2013 में की थी। सैमसंग ने 2015 में इस तकनीक पर आधारित उद्योग का पहला 1.0 μm पिक्सेल इमेज सेंसर और 2017 में 0.9 पिक्सेल सेंसर पेश किया था। जून 2018 में सैमसंग ने पिक्सेल को अलग रखने की उन्नत तकनीक आइसोसेल प्लस पेश की।

 

 

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