फैक्टरी से आप तक: जानिए कैसे दमदार बनता है आपका सैमसंग गैलेक्सी

19-12-2018
Share open/close

गैलेक्‍सी सीरीज़ का कोई भी नया डिवाइस लॉन्‍च होने से पहले, अपनी क्षमता को सुनिश्चित करने के लिए कई परीक्षणों से गुज़रता है। नए फीचर्स अपने स्‍पेसीफिकेशंस को साबित करने के लिए कजड़े परीक्षणों का हिस्सा बनते हैं, वहीं डिवाइस को अपनी ड्यूरेबिलिटी निर्धारित करने के लिए कठोर परिस्थितियों का सामना करना होता है। हीट टेस्‍ट से लेकर ड्रॉप टेस्‍ट तक, सैमसंग का उद्देश्‍य पहले से अप्रत्‍याशित घटनाओं के प्रति डिवाइस को सुरक्षित बनाना है।

 

इन परीक्षणों के दौरान प्रत्येक डिवाइस को क्या अपने साथ आगे लेकर चलना होता है, इसके बारे में और जानने के लिए न्यूज़रूम टीम दक्षिण कोरिया के सुवान में स्थित सैमसंग की डिजिटल सिटी के रिलायबिलिटी टेस्ट ग्रुप के पास पहुंची।

 

 

हर कदम पर होता है परीक्षण

रिलायबिलिटी टेस्‍ट ग्रुप साउथ कोरिया के सुवान और गूमी में स्थित सैमसंग के विनिर्माण संयंत्रों से आने वाले मोबाइल और वियरेबल प्रोडक्‍ट्स के परीक्षण के लिए ज़िम्‍मेदार है, जिनमें गैलेक्‍सी S और गैलेक्‍सी नोट सीरीज़ के स्‍मार्टफोन भी शामिल हैं।

 

जैसे ही किसी नए डिवाइस या मॉडल के बारे में निर्णय लिया जाता है, वैसे ही रिलायबिलिटी टेस्‍ट ग्रुप का काम शुरू हो जाता है। स्‍पेसीफिकेशंस और फीचर्स निर्धारित होने के बाद, ग्रुप इस पर विचार करता है कि कौन से हिस्‍से को परीक्षण और जांच की ज़रूरत है, और फीचर्स को पूरी तरह से इंटिग्रेट करने से पहले ही इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाती है। सुधार के लिए टेस्‍ट परिणामों को जल्द ही डेवलपमेंट डिविज़न तक पहुंचा दिया जाता है। डिवाइस के विकास के दौरान टेस्‍ट ग्रुप, प्रोडक्शन प्रक्रिया से निरंतर जुड़ा रहता है, यहां तक की डिवाइस के लॉन्‍च और रिलीज़ होने के बाद भी इसके बारे में फीडबैक लेता रहता है। किसी प्रोडक्ट को प्रमाणित करने के लिए एक दर्जन से ज्यादा परीक्षणों की आवश्यकता होती है। डिवाइस के हिसाब से संख्‍या में फर्क आता है लेकिन फिर भी हज़ारों मॉडल्‍स को लॉन्‍च से पहले परीक्षण से गुज़रना पड़ता है। परीक्षणों को यह तय करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि डिवाइस कैसे रोज़ाना उपयोग के दौरान परफॉर्म करते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्‍तर पर प्रमाणित परीक्षण मानदंडों के आधार पर स्टैंडर्ड का पालन करते हैं।

 

 

1. इमेज क्वॉलिटी लैब

विज़ुअल कम्यूनिकेशन के इस दौर में, लोग अपने स्‍मार्टफोन का उपयोग करते हुए खुद को एक्सप्रेस करने के नए तरीके तलाश रहे हैं। बेहतरीन तस्वीरें लेने में यूज़र्स की मदद करने के लिए, गैलेक्‍सी स्‍मार्टफोन कैमरा अपने परफॉर्मेंस की पुष्टि करने के लिए मात्रात्‍मक और गुणात्‍मक दोनों मूल्‍यांकन से होकर गुज़रता है।

 

 

मात्रात्‍मक मूल्‍यांकन स्टेज में ब्राइटनेस, कलर क्‍लेरिटी और इमेज नॉयस समेत विभिन्‍न मापदंडों की श्रृंखला को मापा जाता है। अलग-अलग इंटेंसिटी के लाइट सोर्स का इस्तेमाल करके, परिस्थितियों की एक विस्‍तृत श्रृंखला का अनुकरण किया जाता है। फोटो खींचे जाते हैं, और इन फोटो को मूल्‍यांकन एक खास प्रोग्राम के ज़रिये किया जाता है, जो कैमरे के स्‍पेसीफिकेशंस का आकलन करता है।

 

 

गुणात्‍मक मूल्‍याकंन स्टेज वास्‍तविक जीवन के दृश्‍यों से बनाए गए मॉडल की सहायता से विभिन्‍न प्रकार के वातावरण को पुन: तैयार करता है। यह मॉडल इनडोर और आउटडोर जगहों के जैसे होते हैं, जैसे रात में नियोन लाइट से जगमगाता रेस्‍टॉरेंट या फिर कोई सड़क। यहां एक आर्टिफिशियल सनलाइट सिस्‍टम भी है, जो रात के अंधेरे से रोशनी भरे दिन तक की विभिन्‍न लाइटिंग स्थितियों को पैदा कर सकता है। किसी इनडोर लैब में परीक्षण यह सुनिश्चित करता है कि एक्सटर्नल फैक्टर्स से लाइट सोर्स अप्रभावित है, जिससे ज़्यादा सटीक तुलना करने में मदद मिलती है। लैब के बाहर वास्‍तविक आउटडोर वातावरण में भी परीक्षण किया जाता है।

 

 

आकउस्टिक लैब

रिंगटोंस, म्‍यूज़िक और वॉयस कॉल ऐसे विविध साउंडस्केप का हिस्सा है जो एक स्‍मार्टफोन अपने पूरे जीवन में तैयार और प्राप्त करता है। हर तरह की साउंड में गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के लिए डिवाइस की दो अलग-अलग चैम्‍बर्स में जांच की जाती है।

 

 

पहला चैम्‍बर, ऐनेकोइक चैम्‍बर है, यह एक विशेष कमरा है जिसे बाहरी शोर को खत्‍म करने के लिए बनाया गया है, ताकि प्योर अकाउस्टिक क्वॉलिटी का मूल्‍यांकन किया जा सके। दूसरा चैम्‍बर फोन पर विभिन्न सेटिंग्स में बात करते समय स्मार्टफोन की आवाज़ को सिमूलेट करता है : स्पीकरफोन या इयरफोन का उपयोग करते हुए फोन को अपने कान पर रखकर, या ब्लूटूथ हेडसेट से कनेक्ट कर।

 

 

 

वास्‍तविक परिस्थितियों में होने वाली लगभग हर चीज़ का परीक्षण इन चैम्‍बर्स में किया जाता है और डेवलपमेंट टीम को फीडबैक देने के लिए इसके परिणामों का विश्‍लेषण कम्‍प्‍यूटर द्वारा किया जाता है।

 

 

3. हीट लैब

क्योंकि हमारे डिवाइस स्‍मार्ट बन रहे हैं, ऐसे में रिलायबिलिटी टेस्‍ट ग्रुप के लिए परफॉर्मेंस और हीट के बीच का संबंध एक अहम विषय है।

 

 

जब स्‍मार्टफोन का परीक्षण किया जाता है, टीम डिवाइस के ज़्यादा उपयोग की स्थितियों को पुन: उत्पन्‍न करती हैं, जैसे हाई-स्पेक गेम्‍स खेलना और ज़्यादा रिसोर्स इस्तेमाल करने वाली एप्‍स का उपयोग करना, और थर्मल कैमरे की मदद से मापती है कि डिवाइस का हीट लेवल क्या है।

 

 

टेस्‍ट के दौरान यह देखा जाता है कि कहां और कितनी हीट पैदा हो रही है। टेस्‍ट के परिणामों को डेवलपमेंट टीम के पास भेजा जाता है, जहां वह इसके अनुसार डिज़ाइन को एडजस्‍ट करते हैं।

 

 

4. ड्रॉप टेस्‍ट लैब

हर एक टेस्‍ट सैम्‍पल को विभिन्‍न एंगल से, विभिन्‍न ऊंचाइयों से गिराया जाता है और विभिन्‍न प्रकार की सतहों पर छोड़ा जाता है, और ऐसा बार-बार किया जाता है ताकि डिवाइस की मज़बूती को स्ट्रेस के दौरान जांचा जा सके।

 

 

ड्रॉप टेस्‍ट लैब में स्‍मार्टफोन के गिरने की तस्‍वीरें लेने के लिए हाई-स्‍पीड कैमरा का उपयोग किया जाता है, जिसका टीम विश्‍लेषण कर सके। यह तस्वीरें उन्‍हें यह समझने में सहायता करती हैं कि डिवाइस कैसे गिरा, किस एंगल से गिरने से सबसे ज्‍यादा असर पड़ा, और किसी भी टूट-फूट का कारण क्‍या हो सकता है।

 

 

इसमें आने वाले परिणाम डेवलपर्स को भविष्‍य में डिवाइस गिरने पर उसे सुरक्षित बनाने में मदद करते हैं।

 

 

5. ड्यूरेबिलिटी लैब

बहुत से लोग एक ही डिवाइस का इस्‍तेमाल सालों तक करते हैं, इसलिए एक स्‍मार्टफोन को रोज़ाना उपयोग के लिए टिकाऊ होना चाहिए। गैलेक्‍सी स्‍मार्टफोन को एक मशीन में रखा जाता है। यह मशीन डिवाइस को रोल कर घुमाती है ताकि कम ऊंचाई से सीढि़यों से नीचे गिरने से डिवाइस पर पड़ने वाले प्रभाव को समझा जा सके।

 

 

ड्यूरेबिलिटी का परीक्षण बार-बार किए जाने वाली चीज़ों के साथ भी किया जाता है, जैसे बटन दबाना, इयरफोन जैक का उपयोग करना और सिम कार्ड ट्रे को खोलना। टीम यह भी देखती है कि जब फोन किसी व्‍यक्ति की पीछे वाली जेब में रखा हो तो वह व्‍यक्ति के कितने वज़न और दबाव को झेल सकता है।

 

 

 

6. वॉटरप्रूफ लैब

रिलायबिलिटी टेस्‍ट ग्रुप आईपी कोड द्वारा तय किए गए अंतरराष्‍ट्रीय मानकों के मुताबिक वॉरप्रूफ टेस्‍ट आयोजित करते हैं।

 

टेस्‍ट में बारिश, वॉटर जेट और पानी में डुबोना शामिल है, जिसमें हर एक की अपनी आईपी रेटिंग है। उदाहरण के लिए, आईपीएक्‍स8 रेटिंग वाले स्‍मार्टफोन का उपयोग तब भी किया जा सकता है, जब वह 1.5 मीटर गहरे पानी में आधा घंटे तक डूबा रहे, जिसमें टेस्‍ट लैब ने यह साबित किया है कि डिवाइस सामान्‍य रूप से काम करेगा।

 

 

गैलेक्‍सी वॉच, गियर स्‍पोर्ट्स और गियर फिट2 प्रो को स्‍वीमिंग के समय भी पहने रखने के लिए डिजाइन किया गया है, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह 5एटीएम का वायुमंडलीय दबाव मानक पूरा करते हैं, इसके लिए अन्‍य परीक्षणों की आवश्‍यकता होती है।

 

 

लैब ने एक ऐसा टेस्‍ट तैयार किया है जो स्वीमिंग के समय पहने गए डिवाइस की परफॉर्मेंस का आकलन करता है।

 

 

7. एनवायरमेंटल टेस्‍ट लैब

क्योंकि डिवाइस को पूरी दुनिया में विभिन्‍न जलवायु परिस्थितियों में उपयोग किया जाता है, इसलिए ड्यूरेबिलिटी और परफॉर्मेंस को एक वातावरण से दूसरे वातावरण में अपरिवर्तित रहना चाहिए।

 

 

टेस्‍ट लैब विभिन्‍न वातावरणों का परीक्षण करने के लिए अलग-अलग चैम्‍बर्स का उपयोग करती है, इन चैम्‍बर्स में अलग-अलग नमी स्‍तर और तापमान सेट किया जाता है, जो पूरी पृथ्‍वी के मौसम के हिसाब से किया जाता है। टेस्‍ट करने वाला व्‍यक्ति यह आंकता है कि इन स्थितियों में भी क्‍या डिवाइस काम कर रहा है।

 

 

गैलेक्‍सी सीरीज़ किसी भी तरह का समझौता किए बगैर क्वॉलिटी पेश करती है। यह डिवाइस रिलायबिलिटी टेस्‍ट ग्रुप के प्रयासों का परिणाम है, क्‍योंकि वह लगातार सवाल पूछते हैं और बेहतर करने का प्रयास करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि डिवाइस ड्यूरेबिलिटी मानकों के मुताबिक काम करे।

प्रोडक्ट्स > मोबाइल फोन

ग्राहक सेवा से संबंधित शिकायतों के लिए, samsung.com/in/support पर जाएं।
मीडिया से जुड़ी जानकारी के लिए, कृपया संपर्क करें corpcommindia@samsung.com

सैमसंग के बारे में ताज़ा ख़बरें देखें

अधिक जानकारी के लिए यहां पढें
Top