सैमसंग ने यूनेस्को एमजीआईईपी और नवोदय विद्यालय समिति के साथ मिलकर माई ड्रीम प्रोजेक्ट का किया ऐलान और आंध्र प्रदेश में की 14 नई सैमसंग स्मार्ट क्लास की शुरुआत
सैमसंग इंडिया ने यूनेस्को एमजीआईईपी (महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन फॉर पीस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट) और नवोदय विद्यालय समिति के साथ मिलकर भारत में माध्यमिक पाठशालाओं के विद्यार्थियों के सीखने के परिणामों में सुधार लाने और उनके तनाव के स्तर को कम करने के तरीके जानने के लिए एक रिसर्च स्टडी ‘माईड्रीम प्रोजेक्ट’ की घोषणा की है।
इसके अलावा आंध्र प्रदेश सरकार के साथ एक अलग पार्टनरशिप में सैमसंग ने आंध्र प्रदेश के ऐसे 14 सरकारी कॉलेजों में सैमसंग स्मार्ट क्लास की स्थापना का ऐलान किया, जो बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) और डिप्लोमा इन एजुकेशन (डीएड) कोर्स करवाते हैं।
14 सैमसंग स्मार्ट क्लास द्वारा 200 घंटे का कोर्स करवाया जाएगा, जिसे यूनेस्को एमजीआईईपी के इनीशियेटिव ‘टीचिंग टीचर्स फॉर टेक्नोलॉजी’ के तहत आंध्र प्रदेश सरकार के लिए तैयार किया जा रहा है। यह कोर्स यूनेस्को एमजीआईईपी द्वारा बनाया जा रहा है ताकि भविष्य के शिक्षकों को प्रभावी प्रशिक्षण दिया जा सके, जिससे वह आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए डिजिटल शिक्षा की मदद से छात्रों को पढ़ा सकें।
माईड्रीम प्रोजेक्ट के अंतर्गत सैमसंग और यूनेस्को एमजीआईईपी पूरे भारत में स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) में दो साल की एक रिसर्च स्टडी कराएंगे। इस स्टडी को यह समझने के लिए तैयार किया जा रहा है कि कैसे प्रोजेक्ट बेस्ड और सामाजिक भावनात्मक शिक्षा (या सोशियो-इमोशनल लर्निंग) को विद्यार्थियों के सीखने के परिणामों में सुधार लाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, इन परिणामों को जवाहर नवोदय विद्यालय द्वारा गणित और विज्ञान के अंकों के आकलन के आधार पर परिभाषित किया गया है। इस स्टडी का उद्देश्य विद्यार्थियों में तनाव का स्तर भी कम करना है।
यूनेस्को एमजीआईईपी के निदेशक डॉ. अनंत के दुरैयप्पाह ने कहा, ‘माईड्रीम प्रोजेक्ट के माध्यम से यूनेस्को एमजीआईईपी बौद्धिक और भावनात्मक तौर पर सक्षम युवा लोगों को तैयार करना चाहता है। हम पढ़ाई को मज़ेदार और तनाव मुक्त बनाना चाहते हैं और युवाओं को बुद्धिमान, सहानुभूतिपूर्ण और दयालु बनने का प्रशिक्षण देना चाहते हैं। इस रिसर्च प्रोजेक्ट से हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि कैसे विद्यार्थियों के सीखने के परिणामों में सुधार लाया जा सकता है और उनमें तनाव के स्तर को कैसे कम किया जा सकता है। यूनेस्को एमजीआईईपी, नवोदय विद्यालय समिति और सैमसंग के बीच की इस साझेदारी का ना सिर्फ भारत पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी असर पड़ेगा।’
स्टडी के लिए 64 जवाहर नवोदय विद्यालयों को चुना गया है जहां पहले से सैमसंग स्मार्ट क्लास हैं।
नवोदय विद्यालय समिति के आयुक्त श्री बी. के. सिंह ने कहा, ‘एमजीआईईपी और सैमसंग के साथ साझेदरी में शुरू हुए माईड्रीम प्रोजेक्ट से भारत में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा मिलने और डिजिटल प्रतिस्पर्धा बढ़ने का अनुमान है। नवोदय विद्यालय एक आवासीय शिक्षा प्रणाली है और सैमसंग स्मार्ट क्लास डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग और सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा की पेशकश से बच्चों में पढ़ाई के तनाव को कम करने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।’
सैमसंग इंडिया के कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट श्री पीटर री ने कहा, ‘सैमसंग को इस बेहतरीन रिसर्च के लिए यूनेस्को एमजीआईईपी और नवोदय विद्यालय समिति के साथ भागीदार बनने पर गर्व है, जिससे शिक्षा में बड़ा बदलाव होगा और इससे विद्यार्थी 21वीं सदी के लिए ज़रूरी स्किलसेट से सशक्त हो पाएंगे।’
स्टडी के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार को एक व्यापक रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
आंध्र प्रदेश सरकार के साथ भागीदारी में राज्य के 14 सरकारी बीएड और डीएड कॉलेजों में स्थापित सैमसंग स्मार्ट क्लास से शिक्षकों को पढ़ाने के आधुनिक तरीकों और डिजिटल तकनीक को अपनाने में मदद मिलेगी और पाठ्यक्रम को केंद्र में रखते हुए टेक्नोलॉजी के साथ इन नई शैक्षणिक संभावनाओं को शामिल करके व्यवहारिक और अनुवांशिक बदलाव लाया जाएगा।
आंध्र प्रदेश सरकार में एजुकेशन में अपर मुख्य सचिव श्री आदित्यनाथ दास ने कहा, ‘आंध्र प्रदेश सरकार बीएड कोर्स में यूनेस्को एजीआईईपी द्वारा तैयार किया गया 200 घंटे के पाठ्यक्रम के साथ डिजिटल इंस्ट्रक्शन डिज़ाइन और ट्रेनिंग को पेश करने जा रही है। सभी सरकारी बीएडी और डीएड कालेजों में स्मार्ट क्लास स्थापित करने के इस इनीशियेटिव में सैमसंग अहम रोल अदा कर रहा है।’
सैमसंग स्मार्ट क्लास फिलहाल 652 जवाहर नवोदय विद्यालयों, तमिलनाडु के 28 सरकारी स्कूलों, 3 दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूलों में स्थापित की जा चुकी ह, जिससे सैमसंग स्मार्ट क्लास की कुल संख्या 683 पर पहुंच गई है।
नवोदय विद्यालय समिति के सहयोग से साल 2013 में पहली सैमसंग स्मार्ट क्लास की स्थापना के बाद से अबतक करीब 2.5 लाख बच्चों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है। इसके अलावा 8000 से ज़्यादा टीचर्स को इंटरैक्टिव टेक्नोलॉजी के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है ताकि वह छात्रों को शिक्षित कर पाएं और सरकारी स्कूलों में टीचिंग की क्वॉलिटी में सुधार ला पाएं। ऐसा करने से ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी टेक्नोलॉजी के और करीब आए हैं और उन्हें जटिल विषयों को आसानी से समझने में मदद मिली है।
हर सैमसंग स्मार्ट क्लास में एक इंटरएक्टिव सैमसंग स्मार्टबोर्ड, सैमसंग टैबलेट, एक प्रिंटर, वाई-फाई कनेक्टिविटी और पावर बैकअप मौजूद है।
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