महिलाओं को मिली मज़बूती, सैमसंग इंडिया कैम्पेन ने कान्स लायंस 2018 में जीता ग्लास अवॉर्ड
चेल इंडिया ने सीमा नागर पर आधारित सैमसंग टेक्निकल स्कूल कैम्पेन के लिए प्रतिष्ठित कान्स लायंस 2018 में ‘ग्लास: द लायन फॉर चेंज’ श्रेणी में सिल्वर अवॉर्ड हासिल किया है। चेल ने सैमसंग इंडिया के लिए यह कैम्पेन तैयार किया था।
यह कैम्पेन फिल्म, एक गांव की युवती सीमा नगर के असल जीवन पर आधारित है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए रूढ़िवाद को पीछे छोड़ आगे बढ़ती है।
कान्स लायंस 2018 में ‘ग्लास: द लायन फॉर चेंज’ ऐसे काम को तवज्जो देता है जो स्पष्ट और अस्पष्ट रूप से लिंग असमानता के मुद्दों पर रोशनी डालता है, विज्ञापनों में लिंग संबंधित कन्टेंट शामिल करके।
जयपुर के पास एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाली युवती सीमा नगर आज एक बड़ा नाम बन गई है। सीमा ने सैमसंग तकनीशियन बनने के लिए सामाज की बेड़ियों को तोड़ा है। सीमा नागर की कहानी पर बनी सैमसंग इंडिया की कैम्पेन फिल्म ने यूट्यूब पर काफी नाम कमा लिया है और इसे 81 मिलयन से ज़्यादा हिट्स मिल चुके हैं। फिल्म को करीब 2 करोड़ 40 लाख महिलाओं ने देखा है, जो कि यूट्यूब पर किसी भी एडवरटाइज़िंग वीडियो के लिए काफी अब तक का सबसे ज़्यादा है।
#SapneHueBade कैम्पेन को महिला सशक्तिकरण के मुद्दे को हाइलाइट करने के लिए बनाया गया है। यह फिल्म दर्शाती है कि सैमसंग कैसे भारत में लड़कियों के सपनों की कदर करता है। फिल्म का फोकस सीमा नागर की असल ज़िंदगी के इर्द-गिर्द घूमता है, सैमसंग टेक्निकल स्कूल में दाखिला लेने से पहले सीमा किन समस्याओं और चुनौतियों का सामना करती है और कैसे उसे और बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करता है।
जयपुर के सैमसंग टेक्निकल स्कूल में ट्रेनिंग लेने के बाद सीमा नागर ने उसी शहर के सैमसंग सर्विस सेंटर में नौकरी करना शुरु किया। सीमा ने उसी टेक्निकल स्कूल में ट्रेनर के रूप में भी काम किया जिससे उन्होंने पढ़ाई की थी।
सैमसंग के सिटिज़नशिप इनीशियेटिव का हिस्सा सैमसंग टेक्निकल स्कूल 2013 में शुरु किया गया था, जिसका लक्ष्य छात्रों को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और इंडस्ट्री का प्रासंगिक अनुभव देकर, कुशल जनशक्ति की आवश्यकता को पूरा करते हुए, सरकार के भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के सपने में सहायता करने का है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) और राजस्थान, केरल, बिहार, दिल्ली और पश्चिम बंगाल जैसे विभिन्न राज्यों के टेक्निकल एज्युकेशन विभाग के सहयोग के साथ देशभर में अबतक 22 टेक्निकल स्कूल सेटअप किए जा चुके हैं।
सरकार के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मज़बूत करते हुए सैमसंग ने लड़कियों और विकलांग ट्रेनियों के लिए एमएसएमई-सैमसंग टेक्निकल स्कूल स्कॉलरशिप प्रोग्राम की भी घोषणा की है।
इन टेक्निकल स्कूलों ने 4000 से ज़्यादा युवाओं को ट्रेन कर दिया है और उन्हें अलग-अलग तकनीकी व्यापारों में नौकरी के लिए भी तैयार कर दिया है। इनमें से 70 प्रतिशत को नौकरी मिल गई है, जिनमें से 45 प्रतिशत को सैमसंग सर्विस सेंटर में लिया गया है। यह इनीशियेटिव सैमसंग के ‘मेक फॉर इंडिया’ इनीशियेटिव के अंतर्गत चल रहा है और सरकार के ‘कौशल भारत’ अभियान में योगदान देता है।
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