SRI-N के कर्मचारियों का कौशल बढ़ाने के लिए सैमसंग इंडिया ने की बिट्स पिलानी के साथ पार्टनरशिप
सैमसंग इंडिया ने सैमसंग आरएंडडी इंस्टीट्यूट-नोएडा (एसआरआई-नोएडा) के कर्मचारियों का कौशल बढ़ाने के लिए आज प्रीमियम इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट बिट्स पिलानी के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
ये प्रोग्राम पूरी तरह से सैमसंग द्वारा स्पॉन्सर किया जाएगा और इसका उद्देश्य कर्मचारियों को थ्योरी और प्रेक्टिस के बीच तालमेल बनाने का अवसर देना और उनकी शैक्षणिक योग्यता को बढ़ाने का है।
इस इनीशियेटिव के तहत, एसआरआई-नोएडा के कर्मचारी अपने कौशल को और बढ़ाने के लिए सॉफ्टवेयर सिस्टम्स में एम.टेम कर सकते हैं। पाठ्यक्रम में 3 सेमेस्टर थ्योरी वर्क के और एक सेमेस्टर थीसिस का है। कार्यक्रम के पाठ्यक्रम को एसआरआई-नोएडा के फोकस वाले विषयों रिसर्च और स्किल-डेवेलपमेंट को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, जिनमें मशीन लर्निंग, क्लाउड कम्प्यूटिंग, डाटा माइनिंग, डाटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम डिज़ाइन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शामिल हैं।
ये कोर्स कर्मचारियों को तकनीकी ज्ञान को मज़बूत करने में मदद करेगा और साथ ही उन्हें अपने करियर को आगे ले जाने के अवसर भी उपलब्ध कराएगा।
सैमसंग आरएंडडी इंस्टीट्यूट इंडिया-नोएडा के मैनेजिंग डायरेक्टर डा. सेओनघून ओह ने कहा, “जैसे-जैसे तकनीक विकसित हो रही है, उसकी तरह कौशल भी विकसित होना चाहिए, खासतौर से सैमसंग जैसी कंपनी के लिए जिसका उद्देश्य अगले स्तर के इनोवेशन लाने पर केंद्रित है। यह एमओयू तेज़ी से विकसित होते मोबाइल और कंस्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर्स की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भविष्य के लिए स्किल सेट तैयार करने के हमारे दृष्टिकोण की तरह है। उपभोक्ता के बदलते व्यवहार और तकनीकी प्रगति की गहरी समझ के साथ, सैमसंग इंडिया सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ उद्देश्य का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस तरह की साझेदारियों के जरिये, हमारा लक्ष्य अपने कर्मचारियों को सर्वश्रेष्ठ ट्रेनिंग और कौशल विकास उपलब्ध कराना है और जिससे हमारे ‘मेक फॉर इंडिया’ इनीशियेटिव को भी तेज़ी मिल सके।”
एसआरआई-नोएडा से हर साल 35 कर्मचारियों के एक बैच को इस 2 वर्षीय एम. टेक कार्यक्रम के लिए स्पॉन्सर किया जाएगा। कोर्स की सभी क्लासिस एसआरआई-नोएडा के कैम्पस में ही ली जाएंगी।
बिट्स पिलानी के ऑफ कैम्पस प्रोग्राम और इंडस्ट्री एंगेजमेंट के डायरेक्टर, प्रोफेसर जी सुंदर ने कहा, “एसआरआई-नोएडा के कर्मचारियों के कौशल को बढ़ाने और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी टैलेंट पूल विकसित करने के इस समझौते से हम काफी उत्साहित हैं। बिट्स पिलानी का वर्क इंटिग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम (डब्ल्यूआईएलपी) को कार्यस्थल की जरूरतों के साथ शैक्षणिक सामग्री को एकीकृत कर तैयार किया गया है, और इसे उसी स्तर के साथ आयोजित किया जाता है जैसा कि इसे हमारे परिसर में किया जाता है।”
एसआरआई-नोएडा के पास एम.टेक और पीएचडी के लिए साल 2011 से ही दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) के साथ एक मौजूदा समझौता ज्ञापन भी है।
एसआरआई-नोएडा की स्थापना 2007 में मोबाइल सॉफ्टवेयर डेवेलपमेंट और परीक्षण के प्राथमिक फोकस के साथ की गई थी। यह दक्षिण-पूर्व एशिया के बाज़ारों की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थानीय और एडवांस्ड सॉल्यूशन्स विकसित करने में सक्रिय रूप से शामिल है और साथ ही मध्य पूर्व एशिया, उत्तरी अमेरिका (अमरीका और कनाडा), यूरोप और सीआईएस क्षेत्रों के लिए भी मॉडल विकसित करता है। सेंटर के पास मल्टीमीडिया, एप्लीकेशंस, फ्रेमवर्क, सिस्टम और कम्यूनिकेशन प्रोटोकॉल जैसे अनुसंधान एवं विकास के प्रमुख क्षेत्रों में व्यापक और गहन अनुभव है।
आरएंडडी सेंटर ने भारत के लिए कई इनोवेशन विकसित किए हैं जैसे एस-बाइक मोड, अल्ट्रा डाटा सेविंग मोड, सोशल कैमरा, एस सिक्योर और एस पावर प्लानिंग। इनमें से बहुत सारे इन्नोवेशंस ने वैश्विक बाजारों में भी अच्छा प्रदर्शन किया है।
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