सैमसंग भारत में पेटेंट संस्कृति का कर रहा है नेतृत्व
भारत में कौन सी कंपनी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सबसे अधिक संख्या में पेटेंट फाइल करती है?
कंपना का नाम है सैमसंग।
पीपल, इनोवेशन और चेंज के अपने मुख्य दर्शनशास्त्र को ध्यान में रखते हुए, सैमसंग रचनात्मकता और अनुसंधान के लिए समग्र प्रशिक्षण प्रदान करते हुए कर्मचारियों को कुछ हट कर सोचने के लिए प्रोत्साहित करता है। इनोवेट करने के इस ज्ञान से और फिर उस इनोवेशन को पेटेंट करने से कई अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और असाधारण फीचर्स ने जन्म लिया है।
अकेले भारत में तीन आरएंडडी केंद्र (दिल्ली, नोएडा और बेंगलुरु में) और दुनिया भर में कई अन्य रिसर्च सेंटर्स के साथ, सैमसंग ने वैश्विक स्तर पर आरएंडडी में करीब 15 बिलियन अमेरीकी डॉलर का निवेश किया है। आईआईटी जैसे भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों से प्रतिभाशाली छात्रों को हर साल भर्ती किया जाता है, जो ट्रेनिंग के लिए कोरिया जाते हैं। इंजीनियर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, ऑग्मेंटेड रिएलिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और 5G सहित कई क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखते हैं।
सैमसंग रिसर्च इंस्टीट्यूट-बैंगलोर दक्षिण कोरिया के बाहर सैमसंग का सबसे बड़ा आरएंडडी केंद्र है और अकेले इस सेंटर ने 2011-2012 के बाद से 2900 से अधिक पेटेंट फाइल किए हैं, जो साल भर में 250-300 पेटेंट के करीब है। यहां वार्षिक नॉलेज शेयरिंग वर्कशॉप का आयोजन किया जाता है जिसमें पूरी दुनिया के आरएंडडी सेंटर्स भाग लेते हैं। वहीं एसआरआई- नोएडा में करीब 2500 इंजीनियरों को पेटेंट फाइलिंग का प्रशिक्षण दिया गया है। इनोवेशन के लिए एक संस्कृति तैयार करने के लिए आइडिएशन वर्कशॉप, थीम पर कॉन्टेस्ट और इंटलेक्च्वल प्रॉपर्टी पर क्विज़ आयोजित किए जाते हैं। एसआरआई- दिल्ली पर न केवल पेटेंट तैयार करने की ज़िम्मेदारी है, बल्कि कंपनी के कर्मचारियों को इनोवेटिव टेक्नोलॉजी की ऊंचाईयां छूने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कंपनी स्तर पर पेटेंट एक्टिविटीज़ भी आयोजित करने का भी ज़िम्मा है। ऐसा करने के लिए व्यक्तिगत गाइडेंस सेशन, पेटेंट क्लब्स, इन-हाउस मैगज़ीनों का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा, नए, मध्य-स्तर और वरिष्ठ कर्मचारियों के लिए अलग-अलग छोटे और दीर्घकालिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सैमसंग इंडिया में पेटेंट प्राप्त करने वाली कई टीमें कई पुरस्कार जीत चुकी हैं, जिससे इस क्षेत्र में उनके काम को पहचान मिलती है।
मेक इन इंडिया पहल के तहत, इंजीरियरों ने कई डिवाइस में भारत केंद्रित फीचर्स विकसित किए हैं। उदाहरण के लिए, वॉशिंग मशीन में एक्टिव वॉश फीचर जो शर्ट के कॉलर और बाहों में बेहतर सफाई सुनिश्चित करता है। साथ ही माइक्रोवेव में तंदूर टेक्नोलॉजी पेश की गई, जिससे करारी रोटी और नान तैयार किए जा सकते हैं। यह सभी तकनीकें भारतीय इंजीनियरों द्वारा विकसित की गई हैं। इन विशेषताओं के साथ, सैमसंग इंडिया मेक फॉर द वर्ल्ड पहल की ओर भी बढ़ रहा है।
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