कभी पिट्ठू, कभी कबड्डी… खेल-खेल में बदलाव ला रहे हैं सैमसंग के युवा चेंज चैम्पियन
पिछले साल जब हज़ारों लोगों को सड़कों पर लाने वाले 20 घंटे के गुुरुजाम की चर्चाएं गुरुग्राम की कॉरपोरेट दुनिया में हो रही थीं, तब मिलेनियम सिटी के सैमसंग कॉरपोरेट हेडक्वॉर्टर में भी चेंज चैंपियन्स का ग्रुप इसी विषय पर गहन चिंतन कर रहा था।
इनमें से बहुत से कर्मचारी ऐसे थे जिन्होंने खुद या फिर उनके सहकर्मियों ने जाम को झेला था और उन्हें इसके दोबारा होने के संकेत मिल रहे थे। ऐसे में सैमसंग के 16 चेंज चैम्पियन्स ने इसके बारे में कुछ करने का सोचा और मैनेजमेंट तक अपनी बात पहुंचाई। उन्होंने ट्रैफिक का सामना करने के लिए ऑफिस की बसों को 4 बजे रवाना करने का सुझाव दिया।
उस दिन को याद करते हुए सैमसंग इंडिया की कॉरपोरेट मार्केटिंग टीम की चेंज चैम्पियन, 36 साल की साक्षी आनंद ने बताया, ‘एचआर और मैनेजमेंट ने हमारे सुझाव को काफी सकारात्मक तरीके से स्वीकार किया।’
2016 में देशभर से 120 युवा चेंज चैम्पियन को बिज़नेस हेड्स द्वारा चुना गया था और उन्हें अपनी टीम्स के बीच मेलजोल बढ़ाने का काम मिला था, ताकि वर्कप्लेस कर्मचारियों के लिए रोमांचक बन सके। चेंज चैम्पियन को कर्मचारियों की आवाज़ मैनेजमेंट तक पहुंचाने, उनकी समस्याओं और चुनौतियों को समझकर हल निकालने का काम सौंपा गया था।
सैमसंग इंडिया के एचआर के डायरेक्टर अर्नव अग्रवाल ने कहा, ‘इसका मकसद था उन युवा कर्मचारियों को अवसर देने का जिनके पास झगड़ों को सुलझाने की, विश्वास के आधार पर मज़बूत रिश्ते खड़े करने की और ज़रूरत पड़ने पर प्रतिरोध को संभालने की काबिलियत है। चेंज चैम्पियन्स, टीम्स में मेलजोल बढ़ाने में कामयाब हो पाएं हैं। ये उनके लिए अपनी लीडरशिप स्किल्स को सामने रखने के साथ नए लीडर तैयार करने का भी अवसर है।’
2016 में इन चेंज चैम्पियन्स ने 175 से ज़्यादा एक्टिविटीज़ का संचालन किया था जिनमें स्पोर्ट्स, नॉलेज शेयरिंग सेसन्स, टीम वर्क एक्सरसाइज़ और योगा और स्वास्थ्य संबंधित एक्टिविटीज़ शामिल थीं।
कॉरपोरेट रिलेशन्स ऑफिस की चेंज चैम्पियन पल्लवी वाही कहती हैं कि उन्हें लगता है कि ऐसी एक्टिविटीज़ अलग-अलग टीम्स को एक साथ जोड़ने का काम करती हैं। उन्होंने कहा, ‘ये टीम की प्रोडक्टिविटी में दिखता है, जो निश्चित तौर पर बढ़ गई है। हम ये महसूस कर सकते हैं।’
प्रोग्राम की शुरुआत से ही पल्लवी ने टीम के लोगों में पहले से बेहतर बॉन्डिंग देखी है। कुछ महीने पहले उन्होंने स्पोर्ट्स डे का आयोजन किया था, जब टीम्स ने बचपन में खेले गए गेम्स जैसे कबड्डी और पिट्ठु खेला था। उसके बाद, टीम ने एक साथ बैठकर अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों के यादगार और उन्हें पहचान दिलाने वाले अनुभवों को एक दूसरे से शेयर किया था।
वहीं कॉरपोरेट मार्केटिंग टीम में साक्षी आनंद ने नेचर फोटोग्राफी डे का आयोजन किया था जिसमें टीम के लोगों को अपने सैमसंग फोन्स से फोटो खींच कर भेजनी थी। ज्यूरी के द्वारा इनमें से सबसे बेहतरीन फोटो को चुना गया और चीफ मार्केटिंग ऑफिसर रंजीवजीत सिंह ने विजेताओं को पुरस्कार दिया।
इसके बाद यही टीम पेंटबॉल प्रतियोगिता के लिए भी गई, जिसका सुझाव खुद टीम ने ही दिया था। साक्षी ने कहा, ‘मुझे दिख रहा है, टीम में सभी काफी उत्साहित हैं।’ साक्षी सैमसंग के साथ पिछले 12 सालों से जुड़ी हैं और उन्होंने इन सालों में टीम्स के काम करने के तरीके में बड़ा बदलाव देखा है, खासतौर से चेंज चैम्पियन प्रोग्राम के बाद से।
एक ऐसी चीज़ जो स्पष्ट तौर पर चेंज चैम्पियन प्रोग्राम के बाद महसूस की जा सकती है वो ये है कि ऐसे इवेन्ट्स में टीम्स और टॉप लीडरशिप के बीच का गैप खत्म हो जाता है।
सैमसंग इंडिया के मोबाइल बिज़नेस के वाइस प्रेसिडेंट राजू पुल्लन कहते हैं, ‘भारत में सैमसंग के 70,000 कर्मचारी, 2 निर्माण इकाइयां और 5 आर एंड डी सेंटर्स हैं। देश के सबसे पसंदीदा ब्रांड को सफलता तब हासिल होती है जब उसके कर्मचारी बिज़नेस को बारीकी से समझ पाते हैं और हर वक्त बदलते बाज़ार में सफलता पाने में हिस्सेदार बनते हैं। सैमसंग के सभी कर्मचारी देशभर के ग्राहकों के चेहरों पर खुशियां लाने का काम करते हैं और इन चेंज चैम्पियन्स ने कर्मचारियों को खुश करने का ज़िम्मा खुद उठाया है और आपसी मेलजोल बढ़ाने में उत्प्रेरक बनने का काम किया है।’
जब सैमसंग चेन्नई के मोबाइल टीम के डी वैद्यनयगम को चेंज चैम्पियन बनाया गया, तब उनकी पहला विचार वर्कप्लेस पर आपसी सहयोग बढ़ाने का था। वो ऐसा कुछ करना चाहते थे जिससे टीम्स के बीच का बॉन्ड मज़बूत हो जाए और लोग करीब आ जाएं।
वैद्यनयगम मोबाइल टीम के चेंज चैम्पियन हैं लेकिन उन्होंने दूसरी टीम्स के चेंज चैम्पियन्स जैसे पी कारथिक, वी कृष्ण चैतन्य और बालाजी वेलंकी के साथ मिलकर सोचा कि चेन्नई के सभी कर्मचारियों के बीच एक्टिविटीज़ प्लान करना ज़्यादा सही रहेगा।
चेंज चैम्पियन के तौर पर उन्होंने अपनी पहली एक्टिविटी में स्टे फिट कॉन्टेस्ट का आयोजन किया। मोबाइल टीम के कर्मचारियों के साथ-साथ कन्स्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, फाइनेंस, एकॉउन्ट्स और दूसरी टीम्स के लोगों ने भी इसमें हिस्सा लिया और उन्हें वज़न कम करने और सबसे फिट दिखने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
कर्मचारियों की मदद करने के लिए चेंज चैम्पियन्स ने डायटीशियन, जिम ट्रेनर, ज़ुम्बा ट्रेनर और योगा इंस्ट्रक्टर को एक दिन के सेशन के लिए बुलाया। वैद्यनयगम ने बताया कि, ‘टीम्स को ये बहुत पसंद आया।’
चेन्नई के चेंज चैम्पियन्स ने तब से लॉफ्टर कॉन्टेस्ट, पारंपरिक खेल प्रतियोगिता और गो कार्टिंग जैसे इवेन्ट्स का आयोजन किया है।
वैद्यनयगम कहते हैं, ‘तब से कर्मचारियों के बीच व्यक्तिगत संबंध और उनके साथ-साथ व्यवसायिक संबंध भी काफी बेहतर हो गए हैं।’
श्री अग्रवाल का कहना है कि कर्मचारियों पर इन सबका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, ‘उनकी टीम में कोई तो है जिनसे वो अपनी समस्याओं के बारे में बोल सकते हैं, उनके लिए ये खुशी की बात है। इसका प्रभाव छोटे शहरों और सेंटर्स पर काफी ज़्यादा हुआ है।’
सैमसंग के देशभर के कार्यालयों में कर्मचारी पहले से ज़्यादा बेहतर तरीके से काम से जुड़े स्ट्रेस को मैनेज कर पा रहे हैं, वर्क लाइफ बैलेंस बेहतर है, टीम के डायनामिक्स अच्छे हो गए हैं, क्रिएटिविटी बढ़ गई है, अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं और कर्मचारी एक दूसरे की ज़्यादा इज़्ज़त करने लगे हैं, साथ ही अपने मैनेजर्स के साथ कर्मचारियों का बॉन्ड भी काफी मज़बूत हो गया है और इसका श्रेय दिया जाता है सैमसंग के चेंज चैम्पियन्स को।
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