कोरिया के बाहर सैमसंग की सबसे बड़ी R&D यूनिट में कैसे होता है काम ? बताएंगे दिपेश शाह…
भारत न्यूज़रूम को दिए गए अपने पहले इंटरव्यू में दिपेश शाह ने सैमसंग R&D इंस्टिट्यूट के पहले कर्मचारी बनने से लेकर अब तक के सफर की बात की थी।
दिपेश शाह ने पिछले 22 सालों में सैमसंग में बिताए गए खास पलों का ज़िक्र किया, अलग-अलग टीम्स के साथ किए गए प्रोजेक्ट्स और सैमसंग में काम करके मिले ज्ञान और अनुभव की सराहना की थी।
अपने दूसरे इंटरव्यू में दिपेश शाह ने सैमसंग ब्रह्मांड के प्रतिष्ठित R&D सेंटर, SRI-B के महत्व की बात की है। SRI-B तीन प्रौद्योगिकियों में मज़बूत है- मॉडम, मल्टीमीडिया और इंटेलिजेंस। दिपेश शाह बोले, ये टेक्नॉलोजीज़ सैमसंग के फ्लैगशिप प्रोडक्ट्स में अहम भूमिक अदा करती हैं’।
कोरिया के बाहर सैमसंग की सबसे बड़ी R&D सुविधा- एसआरआई-बी, सैमसंग के ‘मेक फॉर इंडिया’ पहल में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। ‘मेक फॉर इंडिया’ भारतीय उपभोक्ताओं के लिए स्थानीय नवाचार प्रदान करता है। एसआरआई-बी के स्थानीय नवाचार, सैमसंग की फ्लैगशिप मोबाइल पेमेंट सेवा ‘सैमसंग पे’ और सैमसंग की ऐप ‘माई गैलेक्सी’ में सम्मिलित किए गए हैं। इसके अलावा एसआरआई-बी, सैमसंग के अपने ऑपरेटिंग सिस्टम टाइज़न पर भी अत्याधुनिक काम कर रहा है।
दिपेश शाह ने कहा, ‘एसआरआई-बी के इंजीनियर अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और कई तरह के प्रोडक्ट्स और सेवाओं पर काम करते हैं। ऐसा करने से इंजीनियर ‘कैसे और कब’ से ‘क्यों और क्या’ तक का सफर पूरा कर पाते हैं।’
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